इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 17 जुलाई रविवार की सुबह थी जब मुझे नारकण्डा में उठाया गया। चाय पी, कुछ ‘जरूरी’ कामों से सेवानिवृत्त होकर नहाकर आगे के सफर के लिये तैयार हो गये। मेरे अलावा जाट देवता के नाम से लिखने वाले सन्दीप पंवार, नितिन जाट और विपिन पण्डित जी महाराज भी थे। हम दिल्ली से ही बाइक पर निकले थे और शाम होने तक शिमला से करीब 60-70 किलोमीटर आगे नारकण्डा तक पहुंच गये थे। हमारा कल का पूरा दिन बाइक पर ही बीत गया था इसलिये पूरा शरीर अकड गया था। श्रीखण्ड महादेव की यात्रा शुरू करने से पहले इस अकडन को खत्म करना जरूरी था इसीलिये जलोडी जोत (JALORI PASS) का कार्यक्रम भी रखा गया था। जलोडी का रास्ता नारकण्डा से 35 किलोमीटर आगे सैंज नामक गांव से अलग होता है। यही रास्ता जलोडी जोत को पार करके आगे कुल्लू चला जाता है। जलोडी जोत का यात्रा विवरण बाद में दिया जायेगा।
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग