16 मई 2013 1. शाम पांच बजे गुडगांव से एक प्रशंसक मिलने आये। नाम भूल गया। ज्यादातर घुमक्कडी पर ही चर्चा हुई। 18 मई 2013 1. दिल्ली में गर्मी बढती जा रही है। तापमान 45 डिग्री के पास पहुंच गया। कूलर अत्यावश्यक हो गया। पिछले साल से निष्क्रिय पडे कूलर को चेक किया। मोटर खराब। ठीक कराने गया तो 800 रुपये मांगे। 1600 का नया ले आया। साफ सफाई करके कूलर चालू किया। सीजन की पहली ठण्डी फुहारयुक्त हवा मिल गई। 2. लैपटॉप नखरे करने लगा। ऑन नहीं हुआ। कहने लगा पहले बूटेबल डिवाइस दो, तब चलूंगा। यार, बूटेबल डिवाइस तो तेरे ही अन्दर है। चल जा, नहीं तो बूटेबल की जगह बूट मिलेंगे। जाट किसी के नखरे नहीं झेला करता। खैर, नहीं चला।
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग