8 जनवरी 2016 बारह बजे के आसपास जब किब्बर में प्रवेश किया तो बर्फबारी बन्द हो चुकी थी, लेकिन अब तक तकरीबन डेढ-दो इंच बर्फ पड चुकी थी। स्पीति में इतनी बर्फ पडने का अर्थ है कि सबकुछ सफेद हो गया। मौसम साफ हो गया। इससे दूर-दूर तक स्पीति की सफेदी दिखने लगी। गजब का नजारा था। किब्बर लगभग 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे दुनिया का सबसे ऊंचा गांव माना जाता है। हालांकि लद्दाख में एकाध गांव इससे भी ऊंचा मिल जायेगा, लेकिन फिर भी यह सबसे ऊंचे गांवों में से तो है ही। यहां पहला कदम रखते ही एक सूचना लिखी दिखी - “आमतौर पर यह परांग ला दर्रा (18800 फीट) माह जून से सितम्बर के बीच खुला रहता है। फिर भी जाने से पहले इसकी सूचना प्रशासन काजा से जरूर लें (दूरभाष संख्या 1906-222202) तथा खास कर 15 सितम्बर के पश्चात दर्रे को पार करने की कोशिश घातक हो सकती है। यदि आप स्थानीय प्रदर्शक को साथ लें तो यह आपकी सुरक्षा के लिये उचित होगा।”
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग